छुट्टी के दिन 2 घन्टा अतिरिक्त नींद लेने से हार्ट के रोग का खतरा
कम कम सोने वालों को बीपी व अवसाद की समस्या
30 साल में हृदय रोग से होने वाली मौतें 60% बढ़ीं
पटना (KIU डेस्क)| हालिया समय में भागदौड़ भरी लाइफ और काम का दबाव होने की वजह से हर कोई पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहा. इस कारण तरह-तरह की समस्या हो रही है. जिसमें से हृदय की बीमारी का खतरा भी है. हालांकि हाल के स्टडी में पाया गया है कि सप्ताह के अंत में या छुट्टी के दिन सामान्य नींद से एक घंटा या उससे अधिक नींद लेने पर हृदय रोग की संभावना कम की जा सकती है. अमेरिका के ‘स्लीप हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित स्टडी में यह दावा किया गया है.
गौरतलब हो कि कई स्टडी में इस बात को साबित किया जा चुका है कि पर्याप्त नींद न लेने से कई तरह की बीमारी का सामना करना पड़ता है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) अपर्याप्त नींद को हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, अवसाद, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य जोखिमों से जोड़ता है.
रिसर्चस ने स्टडी में दावा किया है कि स्ट्रोक, कोरोनरी हृदय की बीमारी और एनजाइना जैसे खतरे उन लोगों में अधिक पाए गए जो लोग अपनी नींद को पूरा नहीं कर पा रहे थे. चीन की नानजिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी (Nanjing Medical University) के रिसर्चस ने अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण (National Health and Nutrition Examination Survey) के आंकड़ों का विश्लेषण कर यह जानकारी दी है.
एनवाईयू लैंगोन मेडिकल सेंटर में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ. मार्क सीगल ने कहा कि रोज 6 घंटे से कम सोने से तनाव हार्मोन रिलीज होता है इसके साथ ही दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि स्टडी में जो बातें सामने निकल कर आई है वह पर्याप्त नींद न लेने की वजह से पैदा होने वाली समस्या की ओर और ध्यान आकर्षित करने को मजबूर करती है.
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में हृदय रोग से होने वाली मौतों में पिछले 3 दशकों में 60% वृद्धि हुई है. 2021 में 2 करोड़ लोगों को दिल का दौरा पड़ने से मौत का सामना करना पड़ा, जबकि 1990 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 21 लाख था. वहीं दुनियाभर में 2021 में मौत का प्रमुख कारण हृदय रोग से संबंधित वजहें ही थी.